Lalu ka spna tuta.... Tej prtap ka ghar bikhra??||report||the lokswar||
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के घर मे सब कुछ ठीक नही चल रहा है पहले खबर ये आयी थी कि लालू के दोने बेटे के बीच मे रिस्ते स्थिर नही थे वहीं अब खबर ये आ रही है कि लालू के बड़े बेटे ने अपनी पत्नी से अलग होने का फैसला किया है...तेजप्रताप शादी के महज 5 महीने बाद ही अपनी पत्नी ऐश्वर्या से तलाक़ लेने का फैसला लिया है ....तेजप्रताप यादव ने पटना सिविल कोर्ट में तलाक की अर्जी दायर कर दी है,जिसका अर्जी नंबर 1208 है जिसका सुनवाई 29 नवंबर को होने वाला है। हालांकि इस खबर की पुष्टि ना तो तेजप्रताप ने किया है ना ही उनकी पत्नी ऐश्वर्या ने लेकिन जैसे ही मीडिया घरानों में उनकी तलाक की बात आई मानो जैसे ये खबर जंगल मे आग की तरह फैल गयी जिसके बाद पूरा लालू परिवार ट्रोलर के निशाने पर है जहाँ कुछ लोग इसके पीछे नरेंद्र मोदी का हाथ बता रहे है वही कुछ लोग तेजप्रताप और ऐश्वर्या के क्वालिफिकेशन को लेकर जमकर मजाक उड़ाया जा रहा है... वहीं उनके करीबियों का ये भी मानना है कि वो धार्मिक किस्म के इंसान है लगातार उनकी बांसुरी लिए हुए तस्वीर, श्रावणी मेला में उनकी सक्रियता और उनकी कुरुक्षेत्र यात्रा चर्चा में रहा। लंबे अरसे से लालू यादव के दोनों बेटों तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच विवाद होने की भी बात समय समय पर सामने आती रहती है...वही आपको ये भी बता दे कि तेज प्रताप की मां राबड़ी देवी ने ऐश्वर्या को अपनी बहू के रूप में पसंद किया था। उस वक्त लालू जेल में थे वहीं आपको बता दे कि पूर्व मंत्री व राजद विधायक चंद्रिका राय जो कि ऐश्वर्या के पिता है शादी से पहले ऐश्वर्या दिल्ली से मैनेजमेंट की पढ़ाई कर चुकी हैं . वहीं आपको ये भी बता दें कि तेज प्रताप इस बात से नाराज चल रहे थे कि राजनीति में भाई के मुकाबले उनका कद घट रहा है। एक सभा में बहन मीसा भारती ने भी यह स्वीकार किया था। ... https://www.youtube.com/watch?v=wMLYHxvBBTY
In this video we have explained the politics which is going on in West bengal. Amit shah is trying his level best to win 22+ seats in bengal whereas Mamta is trying to stop BJP to do rallies and organise rath yatra.
#Amitshah #bengal #Mamtabanerjee
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https://www.youtube.com/watch?v=gLtdUUjeqJQ
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले से यह वीडियो सामने आया है. यह वायरल वीडियो ग़ाजियाबाद के पॉश इलाके इंदिरापुरम का है..
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https://www.youtube.com/watch?v=ymu0SYsWYAk
राजस्थान में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां चरम पर हैं।हर जगह राजनेता वोटरों को मनाने और उनका विश्वास जितने की कोसिस में लगी है।वही राजस्थान में एक ऐसा भी गांव है जहा आपको एक बिलजी के खंभे तक नही मिलेंगे।दरअसल बॉर्डर के नज़दीक एक तनोट गांव है।जहा प तेल का बड़ा भंडार बताया जाता है।उसके साथ साथ तनोट माता का प्रशिद्ध धार्मिक अस्थल भी है।लेकिन फिर भी वह के ग्रामीणों की जीविका मबीसीयो के सहारे चल रही है।इस गांव में कुल 49 घर और 495 मतदाता है।सूखे और बंजर जमीन वाले इस गांव में बकरियां और अन्य मवेशी भूख से मर रहे हैं। अभी विधानसभा चुनाव भी सर पर होने के वावजूद कोई भी राजनेता इनके हालात देखने नही पहुँचे।तनोट गांव के लोग बताते है कि अपनी बदहाल अस्थिति के बारे में उनलोगों ने सभी राजनीतिक पार्टियों से कहा लेकिन किसी न उनकी तरफ मुड़ के नही देखा।उनलोगों का ऐसा कहना है कि सभी राजनीति पार्टिया उनकी बात को इग्नोर कर देती है।जैसे मानो तनोट गांव भारत मे है ही नही।पाकिस्तान बॉर्डर से महज 10 किलोमीटर पर स्थित तनोट गांव में रेत से घिरा एक सिंगल लेन रोड है। यहां के लोग जीवन की बुनियादी सुविधाओं से काफी दूर तो हैं ही, साथ ही मौसम की विपरीत परिस्थितियों से भी लड़ रहे हैं।एक 76 वर्षीय मिट्टी के घर मे रहने वाला सुदामा राम भाटी ने बताया कि गर्मी की दिनों में यहाँ जिन मुश्किल है।तापमान 50 डिग्री के पार चला जाता है।वही जारे के दिनों में बहुत तेज रफ्तार से कम भी हो जाता है।साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि यह रेत के तूफान नियमित रूप से आते रहते है।ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या पाकिस्तान बॉर्डर से 10 km दूर ये तनोट गांव भारत के राजस्थान का हिस्सा नही है क्या११और अगर है तो आखिर राजनेता उनको इग्नोर क्यों कर रही है।क्या उस गांव को इसलिए इग्नोर किया जा रहा कि वह वोटरों की संख्या बाकी और गांव के अलावा कम है१
#Modi #BJP #political_crisis
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https://www.youtube.com/watch?v=rLoWMfd-NQ8
कुमार विश्वास एक कवि के तौर पर इतने श्रेष्ठ हैं कि उन्हें महज 24 वर्ष की उम्र में ही हिंदी साहित्य के स्टेट प्रवक्ता बन गए थे पहली बार 1994 में राजस्थान के हिंदी साहित्यकर के रूप में अपनी सेवाएं आरंभ की कुछ वर्षों बाद उन्होंने आचार्य और हिंदी के प्राचार्य के रूप में पढ़ाने का कार्य भी किया यदि आज कुमार विश्वास की कवि यात्रा को देखा जाए तो वो बेहद सक्रिय साहित्यकार हैं वे हिंदी पत्रिकाओं के लिए लिखते हैं और अध्ययन भी करते हैं उनकी कविताओं के अतिरिक्त गीत और शायरी भी उन्हें लिखना काफी पसंद है कई हिंदी सिनेमा की फिल्मों में उनके गाने को आजमाया जा चुका है इसके साथ ही उन्होंने एक हिंदी फिल्म चाय गरम में अभिनय भी किया है लेकिन क्या आपको पता है कि उनके साहित्यकार बनने से पहले वह क्या करते थे वह हम आपको बताएंगे जब कुमार विश्वास राजपूताना रेजीमेंट इंटर कॉलेज से 12वीं में उत्तीर्ण हो गए तो उनके पिताजी ने उन्हें इंजीनियर बनाना चाहा और डॉक्टर कुमार विश्वास को इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए भेज दी लेकिन कुमार विश्वास तो ठहरे साहित्यक आदमी वो उन्हें जमा नहीं और उन्होने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी साहित्य के क्षेत्र में आगे बढ़ने के ख्याल से उन्होंने स्नातक और फिर हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर किया जिसमें उन्होंने स्वर्ण पदक प्राप्त किए तत्पश्चात उन्होंने कौरवी लोक गीत में लोक चेतना विषय पर पीएचडी किया उन्हें इसके लिए 2001 में पुरस्कार भी मिल चुका है...
#kumarvishwash #kavisammelan #kvsammelan
https://www.youtube.com/watch?v=wZ95qOs0tuU
A school in Mumbai refused admission of a child just because the mother of child was single mother..
#TheLokswar #Mumbai #Subscribe
एक स्कूल की प्रिंसिपल बच्चे का दाखिला कराने आई महिला को एडमिशन देने से मना कर देती है क्योंकि वह सिंगल मदर है. महिला ने प्रिंसिपल के साथ अपनी बातचीत का वीडियो बना लिया जो कि तेजी से वायरल हो रहा है. लोग प्रिंसिपल को उसकी हरकत के लिए जमकर लताड़ लगा रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक़ यह वीडियो महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के वाशी इलाके का है. बच्चे की मां ने बताया कि वह वाशी के सेंट लॉरेंस स्कूल गई थी. इस महीने उसे अपने बच्चे का दाखिला कराना था. उन्होंने कहा कि जब मैंने उन्हें बताया कि मैं सिंगल मदर हूं तो स्कूल ने कहा कि उनके पास ऐडमिशन के लिए कोई सीट खाली नहीं है. बच्चे की मां ने कहा, 'मैं जानती हूं कि ऐडमिशन जारी हैं. इसलिए मैंने एक लड़की की मां बनकर फोन किया. इसके बाद प्रिसिंपल ने कहा कि वह उनसे मुलाकात करें.'
बच्चे की मां ने स्कूल परिसर के अंदर प्रिसिंपल के साथ पूरी बातचीत को रिकॉर्ड कर लिया. इसमें प्रिसिंपल कहती नजर आ रही हैं कि उनका स्कूल सिंगल पैरंट वाले बच्चों को ऐडमिशन नहीं देता है. प्रिसिंपल ने कहा, 'हम उन्हें संभाल नहीं सकते हैं.' वहीं महिला का कहना है कि यदि ऐडमिशन के बाद किसी बच्चे के माता-पिता अलग हो जाते हैं तो क्या उस बच्चे का प्रवेश रद किया जाएगा तो इस पर प्रिसिंपल ने नहीं में जवाब दिया.
वहीं स्कूल प्रशासन का इस मामले पर कहना है कि वह ऐडमिशन देने में कोई भेदभाव नहीं करता है और मामले की जांच चल रही है. जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होगी
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https://www.youtube.com/watch?v=M_YJqyfYGEY
लोकस्वर ने लगातार आपको सबरीमाला का अपडेट दिया।हमने पिछले 3 वीडियो में लगातार आपको सबरीमाला में प्रदर्शनकारियों की मंशा की जीत और पुलिस और सरकार की लगातार हो रही असफल प्रयासों के बारे में बताया।आज तीसरा दिन कपाट खुला है और लगातार पुलिस श्रद्धालुओं को अयप्पा के दर्शन करवाने को लेकर नाकाम रही।मंदिर संघ ,बीजेपी और कांग्रेस लगातार कोर्ट के फैसले का भीषण विरोध करती आ रही है और उनके जबरदस्त विरोध को पाटने के उद्देश्य में केरल की लगभग हजार पुलिसकर्मी कम पर रही है।प्रदर्शन कारी लगातार कह रहे है कि ये उनका आस्था का मामला है और इस पर देश के सिस्टम को नियम बनाने का हक नहीं है।
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https://www.youtube.com/watch?v=Eehmo8mcxik
PM Modi Live After His Tweet that he will be adressing nation on a very big issue,pm modi after his tweet..
#NarendraModi #Pm_modi #Trailer #Prime_Minister #Speech #Rahul_Gandhi #NarendraModiLive #ModiLive #ModiAnnouncement #ModiTweetToday #Modi'sTweet
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https://www.youtube.com/watch?v=ht7H6IDOK50
भारत एक लोकतान्त्रिक देश है. यहाँ की सरकार यहाँ की जनता द्वारा चुनी जाती है. जिस पद्धति द्वारा सरकार गठन के लिए लोग अपने अपने क्षेत्र से लोकसभा या विधानसभा के लिए अपना प्रतिनिधि चुनते हैं, उसे चुनाव कहा जाता है. चुनाव भारत के ‘चुनाव आयोग’ की देख –रेख में होता है वहीं अगर भारत मे चुनावी इतिहास की बात करें तो स्वतंत्रता के बाद भारत का पहला चुनाव 25 अक्टूबर 1951 से 27 मार्च 1952 के बीच हुआ और इस दौरान चुनाव के समय वोट बैलेट बॉक्स के इस्तेमाल से होता था, जिसमे एक विशेष काग़ज़ पर अपने भरोसेमंद और पसंदीदा उमीदवार के चुनाव चिन्ह पर निशान लगाकर डालना होता था...धीरे -धीरे इस तरीक़े में बहुत सी खामियां और भ्रष्ट्राचार आते गये....बूथ कैप्चरिंग जैसी घटनाओं को देखा गया और चुनावो में धन बल काप्रयोग भी होने लगा...जोकि भरतिये लोकतांत्रिक व्यवस्था केलिय एक चिंता का सबब था...इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए भारत के चुनाव आयोग ने एक ऐसे सिस्टम की कल्पना की, जिसमे भ्रष्टाचार कम से कम हो और लोकतंत्र पर कोई खतरा न आने पाए ईवीएम इसी कल्पना की देन है.सन 1980 में एम.बी. हनीफा ने पहली बार भारत के चुनाव के लिए वोटिंग मशीन का आविष्कार किया.
#evm #tampering
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https://www.youtube.com/watch?v=RMJWdnGg9Jg